वो रातें वो मौसम नदी का किनारा

प्रतियोगिता के लिए

किनारा

वो सर्द रातें
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वो सर्द रातें नदी का किनारा
मिलता था जब बाहों का सहारा

खो जाती थी मैं भी उस पल कहीं
होता था जिस पल दिल ये तुम्हारा
आगोश में बीत जाती थी रातें
होती थी जब बस चाहत की बातें

वो सर्द रातें ___________

बहुत याद आती है वो बातें
तसव्वुर में बीती जो तन्हा सी रातें
तुझको तो शायद खबर भी नहीं है
गुजरी है कैसे अश्कों में रातें

वो सर्द रातें _____________

आकर हमें तू ये तो बता दे
जीए कैसे तुझ बिन ये समझा दे
लगता नहीं दिल कहीं भी हमारा
तड़पकर है दिल ने तुझको पुकारा

वो सर्द रातें____________

आकर तू उन ख्वाबों को सजा दे
गुलदस्ता सा जीवन को महका दे
हो जाए दिल दीवाना तुम्हारा
कुछ ऐसे रंगों से जीवन सजा दे

वो सर्द रातें _____________

पूनम शर्मा "स्नेहिल" जमशेदपुर

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7 Comments

Sapna shah

17-Nov-2021 02:16 PM

Nice

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Ramsewak gupta

17-Nov-2021 11:20 AM

Very good

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Renu Singh"Radhe "

17-Nov-2021 10:05 AM

बहुत खूब

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