वो रातें वो मौसम नदी का किनारा
प्रतियोगिता के लिए
किनारा
वो सर्द रातें
************
वो सर्द रातें नदी का किनारा
मिलता था जब बाहों का सहारा
खो जाती थी मैं भी उस पल कहीं
होता था जिस पल दिल ये तुम्हारा
आगोश में बीत जाती थी रातें
होती थी जब बस चाहत की बातें
वो सर्द रातें ___________
बहुत याद आती है वो बातें
तसव्वुर में बीती जो तन्हा सी रातें
तुझको तो शायद खबर भी नहीं है
गुजरी है कैसे अश्कों में रातें
वो सर्द रातें _____________
आकर हमें तू ये तो बता दे
जीए कैसे तुझ बिन ये समझा दे
लगता नहीं दिल कहीं भी हमारा
तड़पकर है दिल ने तुझको पुकारा
वो सर्द रातें____________
आकर तू उन ख्वाबों को सजा दे
गुलदस्ता सा जीवन को महका दे
हो जाए दिल दीवाना तुम्हारा
कुछ ऐसे रंगों से जीवन सजा दे
वो सर्द रातें _____________
पूनम शर्मा "स्नेहिल" जमशेदपुर
Sapna shah
17-Nov-2021 02:16 PM
Nice
Reply
Ramsewak gupta
17-Nov-2021 11:20 AM
Very good
Reply
Renu Singh"Radhe "
17-Nov-2021 10:05 AM
बहुत खूब
Reply